दस्तक

सूना सा इक बादल जैसे आसमां मे आ गया,बन के सावन कोई मेरे गुलिस्तां मे आ गया, फूल बहकने लगे,पत्तियाँ नाचने लगी, नाम जैसे ही तेरा मेरी जबाँ…… Read more “दस्तक”

कल

कल जब हम न होंगे, तो क्या होगा? सुबह भी वही रहेगी, शाम भी वही कहेगी, रोज़ की ही तरह, रात भी वहीं बहेगी, हवायें वैसे ही…… Read more “कल”

पत्ता।

पैमाना उठाया गया, जाम बनाया गया, थोड़ा सा फिर उसमे, इश्क़ मिलाया गया। साकी को बुलाया गया, हम तक भिजवाया गया, आँखो मे डाल कर आँखे, वो…… Read more “पत्ता।”

रात

रात के काले साये तले,चाँद की तरह छत पर आती हो,चुगली करती हो हवाओं से,संग सितारों के गुनगुनाती हो,छत के गमले, फूल, पत्तियाँ,सबको खूब हसांती हो,बहुत दूर…… Read more “रात”

सवेरा

तेरी यादों ने मेरी आंखो पे ऐसा पहरा कर दिया, तकते तकते शाम को मैंने सवेरा कर दिया, खाली से कुछ ठहाके, अधूरी सी कुछ नज़्में, जो…… Read more “सवेरा”

ख़त

कुछ पल के लिए तुम्हे तुमसे चुराना चाहता हूँ, कुछ लफ्ज़ लिखें है मैंने जो सुनाना चाहता हूँ, कह चुका हूँ तुमसे सारी बातें अपनी वैसे तो,…… Read more “ख़त”