उसके बिना सब बेज़ार सा लगने लगा।

उसके बिना सब बेज़ार सा लगने लगा, मैं इतना चुप हो गया दीवार सा लगने लगा, कल जहां चढ़ाया था इश्क़ को सूली पर, आज वही मज़ार…… Read more “उसके बिना सब बेज़ार सा लगने लगा।”