न जाने कैसे कैसे कहर पी गया, पैमाने में मयखाना भर पी गया, उसने मीठी मीठी बातों में ऐसा उलझाया, मैं उसके इश्क़ का सारा ज़हर पी…… Read more “भांग”
नया आसमान
क्यों न युहीं अलग हो जाएं हम तुम, जैसे उड़ जाते है पंछी घोसलों से, एक नए आसमान की तलाश में, अपनी उड़ान की तलाश में, सारी…… Read more “नया आसमान”
अजब-गजब
जाने कहां कैसे और कब हो जाये, जब चाहा ना हो तब हो जाये, फकीर आशिको को गर इश्क़ हो जाये, बड़ा अजब हो जाये बड़ा गजब…… Read more “अजब-गजब”
अधूरापन
ये टिमटिमाती झालरें, सजी है आसमान में, कुछ कह रही हैं चाँद से, जाते हो दुनिया लांघ के, खुद को पूरा करने को, कुछ पल पूरा रहने…… Read more “अधूरापन”
पैगाम-ए-नज़र
नज़रों में जो है उसे छुपायेंगे कैसे, ज़ुबान से ये पैगाम बोल पाएंगे कैसे, निकल आया हूँ बहुत दूर मै तेरे शहर से, पर तेरी गलियों को…… Read more “पैगाम-ए-नज़र”
जिंदगी
ज़िन्दगी है तो ज़िन्दगी के सितम सही, महफ़िल-ए-वस्ल सही इश्क़ के ग़म सही, बातों बातों में बात वहां आकर अटक गयी, जहां सब तुम सही जहां सब…… Read more “जिंदगी”
देखते हैं
नसीब को एक बार फिर से बहाल कर देखते हैं, इश्क़ के बाजार में दिल को उछाल कर देखते हैं, खिजां-ए-दिल के मौसम में वफ़ा की कौन…… Read more “देखते हैं”
कलयुग
कल की तलाश में न जाने कितने कल बिताये हैं, जब भी आंख खुली है लेकिन आज ही को पाए हैं, कोशिश बहुत की मगर आंख है…… Read more “कलयुग”
कहानी
वो इक कहानी जो कही थी सुनी थी, आंखों ने पढ़ी थी सपनो ने बुनी थी, वही चांदनी रातें थी जिसमे, इश्क़ की सुरमयी बातें थी जिसमे,…… Read more “कहानी”